यहाँ तमिलनाडु व्यवसाय सुविधा अधिनियम, 2018 (Tamil Nadu Business Facilitation Act, 2018) पर एक विस्तृत हिंदी कानूनी लेख प्रस्तुत किया गया है। यह लेख व्यवसाय स्थापना और विस्तार में सहायता के लिए अधिनियम की प्रमुख धाराओं, प्रक्रियाओं, और प्रावधानों पर केंद्रित है।
It enacted by the Legislative Assembly of the State of Tamil Nadu in the Sixty-eighth Year of the Republic of India
तमिलनाडु व्यवसाय सुविधा अधिनियम, 2018
परिचय
तमिलनाडु सरकार ने तमिलनाडु व्यवसाय सुविधा अधिनियम, 2018 (Tamil Nadu Business Facilitation Act, 2018) को लागू किया, जिससे राज्य में निवेशकों और उद्यमियों के लिए व्यवसाय शुरू करना और विस्तार करना सरल हो सके। यह अधिनियम विभिन्न स्वीकृतियों और प्रोत्साहनों को एकल खिड़की प्रणाली (Single Window System) के माध्यम से प्रदान करने की प्रक्रिया को निर्धारित करता है।
यह अधिनियम व्यवसायों को समयबद्ध और पारदर्शी प्रक्रियाओं के तहत आवश्यक अनुमतियाँ प्राप्त करने में सहायता करता है, जिससे राज्य में औद्योगिक विकास को गति मिलती है।
अधिनियम के प्रमुख उद्देश्य
- निवेश को प्रोत्साहन: तमिलनाडु को एक आकर्षक व्यावसायिक गंतव्य बनाना।
- एकल खिड़की प्रणाली: सभी अनुमतियों के लिए एक ही मंच उपलब्ध कराना।
- समयबद्ध स्वीकृतियाँ: प्रक्रियाओं के लिए समय-सीमा निर्धारित करना।
- पारदर्शिता एवं जवाबदेही: ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से कार्यों की निगरानी।
- संशोधन और पुनरीक्षण का प्रावधान: अस्वीकृत आवेदनों की समीक्षा और समाधान।
मुख्य प्रावधान और प्रक्रियाएँ
1. नोडल एजेंसी का गठन
यह अधिनियम राज्य और जिला स्तर पर नोडल एजेंसियों की स्थापना का प्रावधान करता है, जो विभिन्न सरकारी विभागों से व्यवसायों के लिए आवश्यक स्वीकृतियों को एकीकृत करने में मदद करती हैं।
- राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी – बड़े निवेश के मामलों को देखती है।
- जिला स्तरीय नोडल एजेंसी – छोटे एवं मध्यम उद्यमों (MSME) से संबंधित मामलों को संभालती है।
2. स्वीकृतियाँ और प्रोत्साहन
इस अधिनियम के तहत व्यवसायों को विभिन्न प्रकार की स्वीकृतियाँ और प्रोत्साहन दिए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- संयुक्त आवेदन पत्र (Combined Application Form): एक ही आवेदन से कई मंजूरियाँ प्राप्त करना।
- स्व-प्रमाणीकरण (Self-Certification): सरकारी प्रक्रियाओं में जटिलताओं को कम करना।
- स्वीकृति की समय सीमा (Time Limit for Approvals): यदि अनुमोदन तय समय में नहीं मिलता, तो इसे ‘स्वतः अनुमोदित’ माना जाएगा।
3. एकल खिड़की समितियाँ
अधिनियम के तहत विभिन्न स्तरों पर एकल खिड़की समितियों (Single Window Committees) का गठन किया गया है:
- राज्य एकल खिड़की समिति (State Single Window Committee) – बड़े निवेशों की मंजूरी और निगरानी करती है।
- राज्य एकल खिड़की निगरानी समिति (State Single Window Monitoring Committee) – प्रक्रियाओं की समीक्षा करती है।
- निवेश संवर्धन एवं निगरानी बोर्ड (Investment Promotion and Monitoring Board) – प्रमुख नीतिगत निर्णय लेता है।
- MSME जिला एवं राज्य स्तर की समितियाँ – सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के मामलों को देखती हैं।
4. अपील एवं पुनरीक्षण प्रणाली
यदि किसी व्यवसाय का आवेदन अस्वीकृत हो जाता है, तो उसे संबंधित समिति में अपील और पुनरीक्षण (Review & Revision) का अधिकार दिया गया है।
- राज्य निगरानी समिति अस्वीकृत मामलों की समीक्षा कर सकती है।
- निवेश संवर्धन और निगरानी बोर्ड अंतिम निर्णय ले सकता है।
5. दंड और दायित्व
- गलत स्व-प्रमाणीकरण पर दंड: ₹15,000 से ₹25,000 तक का जुर्माना।
- सरकारी अधिकारियों द्वारा विलंब पर दंड: ₹25,000 तक का दंड लगाया जा सकता है।
- संरक्षण प्रावधान: यदि कोई अधिकारी सद्भावना से कार्य कर रहा है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती।
अधिनियम के लाभ
✅ व्यवसाय स्थापना की सरल प्रक्रिया: एकल खिड़की प्रणाली से आवेदन और अनुमतियाँ शीघ्र मिलती हैं।
✅ समयबद्ध अनुमोदन: यदि तय समय में जवाब नहीं मिलता, तो इसे ‘स्वतः स्वीकृति’ मिल जाती है।
✅ डिजिटल प्रक्रिया: सभी प्रक्रियाएँ ऑनलाइन पोर्टल से संचालित की जाती हैं।
✅ निवेशकों का विश्वास: राज्य सरकार की पारदर्शिता निवेशकों को आकर्षित करती है।
✅ MSME सेक्टर को बढ़ावा: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (MSME) के लिए विशेष समितियाँ बनाई गई हैं।
तमिलनाडु व्यवसाय सुविधा अधिनियम, 2018 राज्य में व्यापार करने की प्रक्रिया को सरल, तेज और पारदर्शी बनाने के लिए एक प्रभावी कानून है। यह न केवल निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करता है बल्कि राज्य में औद्योगिक और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देता है।
इस अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन से तमिलनाडु देश के सबसे पसंदीदा निवेश स्थलों में से एक बनने की दिशा में अग्रसर है।
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